अन्य रिश्तों की एहमियत
प्यार से कम नहीं
कहते हैं प्यार में चरमसुख की अनुभूति होती है
जब कोई प्यार में हो तो दुख उसके करीब नहीं आता
ऐसी ताकत है प्यार में
एक बेजान सी ज़िन्दगी में जान डाल देती है ये प्यार
पर प्यार के अलावा और भी रिश्ते होते हैं
जिनको सींचना भी है ज़रूरी
प्यार हमेशा नहीं रहता
और जब वो नहीं रहता तो अन्य रिश्ते ही काम आते हैं
माता पिता भाई बहन का रिश्ता भी सिंचाई मांगता है
उन रिश्तों को भी एहमियत देनी चाहिए
आपका प्यार जब आपसे जुदा हो जाता है
तो यही हैं जो आपका सहारा बनते हैं
दोस्ती भी एक ऐसा रिश्ता है
जिसे प्यार में लोग भूल जाते हैं
ये नहीं जानते कि जब प्यार आपको भूल जाता है
तो यही दोस्त काम आते हैं
प्यार कुदरत की एक देन है
प्यार में जो सुख मिलता है उसका कोई जोड़ नहीं
पर प्यार में अंधे हो अन्य रिश्तों को एहमियत ना देना
ग़लत दिशा में चलने के स्वरूप है
अतः प्यार करो
पर सिर्फ़ अपने प्यार से नहीं
प्यार का कुछ टुकड़ा
अन्य रिश्तों की सिंचाई में भी लगाओ
फिर जब प्यार तुम्हें धोखा दे
तो ज़िन्दगी तुम्हें धोखा नहीं देगी