इंतज़ार के लम्हे
हैं बहुत कुछ सिखाते
कुछ किया मैंने
इंतज़ार है अब परिणाम का
इंतज़ार के पल गुज़र नहीं रहे
परिणाम की चाहत में
तुम्हारे अंतर्द्वंद का है कोई असर
परिणाम जो होगा वही होगा
पर चिंता फिर भी हमें नहीं छोड़ती
परिणाम की चाहत में
सोच लो नतीज़ा अनुकूल न आएगा
खोने के लिए फिर कुछ नहीं
परिणाम जो भी आए
कुछ बेहतर ही आएगा
सब खोना आसान नहीं
मन को आत्मसात करने में
पर अगर आत्मसात किया
तब खोने को कुछ नहीं
प्रतिकूल नतीज़ा ना आना
कुछ सिखा कर ही जाएगा
नतीज़ा आने से पहले
और नतीज़ा आने के बाद
प्रतिकूल नतीज़ा अगर आ गया
तो भूलना नहीं वो मन के हालात
जिस पर तुमने विजय पाई
और प्रतिकूल नतीज़ा ना आने को आत्मसात किया
इंतज़ार के लम्हे
हैं बहुत कुछ सिखाते
उनसे सीख लो
और अपने आप को बेहतर बनाओ