ज़िन्दगी जीना ज़रूरी
या ज़िन्दगी में बदलाव ज़रूरी
ज़िन्दगी जीना ज़रूरी
या ज़िन्दगी को बदलना ज़रूरी
ये कशमकश खाए जा रही है मुझे
ज़िन्दगी जीता हूँ तो बेख़ौफ़ नहीं जीता
और ज़िन्दगी बदलता हूँ तो ज़िन्दगी नहीं जीता
ज़िन्दगी जीना भी ज़रूरी
ज़िन्दगी बदलना भी ज़रूरी
बस एक तालमेल होनी चाहिए दोनों में
ज़िन्दगी जीते रहे तो अपने में बदलाव कम होंगे
बाहर की दुनिया से मिलना तो बहुत होगा
पर खुद से मिलना काफ़ी कम होगा
अपने ऊपर काम करना ही
ज़िन्दगी में असल बदलाव लाएगा
अपने दोस्त बदल जाएंगे
और अपनी मंज़िल भी बदल जाएगी
एक समन्वय चाहिए दोनों के बीच
कुछ दिन अपने ऊपर काम करो
और अपनी ज़िन्दगी बदलो
फिर नए जोश के साथ एक नई ज़िन्दगी जियो
इन दोनों को एक-एक कर करने से
ज़िन्दगी में बदलाव भी संभव है
और ज़िन्दगी का आनंद उठाना भी संभव है
ऐसे ही दोनों को करते रहो
और ज़िन्दगी में नई ऊर्जा का संचार करो
और उस नई ऊर्जा से ज़िन्दगी के नए पलों का आनंद भी उठाओ