दिल में कुछ ख्वाब जागे थे
जो अब दिल में ही समा गए
Sep 15, 2024
दिल में कुछ ख्वाब जागे थे
जो अब दिल में ही समा गए
हकीकत से रूबरू ना हुई वो
और उनकी कब्र दिल ने ही बना दिया
कभी कभी अकेलेपन में
याद आती है उन ख्वाहिशों की
जिसने कभी दिल के अरमान जगाए थे
और नए अनुभवों से अवगत किया था
अब तो बस यादें ही बाकी हैं
जो अकेलेपन में सतह पर आती हैं
उन्हें मैं नज़रअंदाज़ करता हूँ
और वापस दिल की गहराइयों में भेज देता हूँ
जो हुआ उससे बस एक सीख मिली
दिल की ख्वाहिशों को बयां करो
वरना उनकी कब्र दिल ही बना देगा
जिसमें वो ख्वाहिशें समा जाएंगी