बुरे दिन

क्या सिखाते हैं ये बुरे दिन?

Utpal Kumar
1 min readSep 17, 2024
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कभी एक दिन आया था
जब ज़िन्दगी से हार गए थे हम
अंधेरा ही अंधेरा था
और उदास बैठे थे हम

बुरे दिन तो आते हैं
सबके जीवन में आते हैं
किसी को कुछ कम
किसी को कुछ ज़्यादा
पर आते ज़रूर हैं ये बुरे दिन

अगर डट कर सामना किया
तो अंधकार खत्म हो जाता है
रौशनी फिर दोबारा आती है
और हमारा एक पुनर्जन्म होता है

इस नए जीवन में
पहले जैसा कुछ भी नहीं
नई सोच और नई उमंग
जीने का नज़रिया बदल देती है

आदमी विनम्र हो जाता है
बुरे वक़्त का सामना करके
दूसरों की कठिनाई का
एहसास होता है उसे

भावुक और सहिष्णु
ये दोनों बनता है आदमी
जब वो संघर्ष करके
बुरे वक़्त से निकलता है

जिसने कठिनाइयाँ देखी ही नहीं
वो क्या समझेगा दूसरों की कठिनाई
भावुक और सहिष्णु से दूर
वो रूखा बर्ताव भी कर सकता है

बुरे वक़्त का शुक्रगुज़ार हो
जिसने तुम्हें विनम्र बनाया
और बनाया मज़बूत
जो बुरे वक़्त से डरे नहीं
बल्कि डट कर सामना कर सके

बुरा वक़्त है बहुत कुछ सिखाता
इसलिए सामना करो उसका डट कर
और अपने आप में बदलाव देखो
जो तुम्हें एक बेहतर व्यक्ति बनाता है

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Utpal Kumar
Utpal Kumar

Written by Utpal Kumar

Interested in the psychology behind human functioning. I write on a variety of topics with most of them dealing with personal development | MS in CS from UCSD