कभी वक़्त बिताओ
अपनों के संग
कभी वक़्त बिताओ
अपनों के संग
और याद करो
बीती बातें
मन ख़ुश हो जाएगा
और बोरियत होगी दूर
जब बातें होंगी बेइंतेहा
वो पुरानी दिलकश बातें
अपनों संग है वक़्त कम
इस्तेमाल करो तुम इनका बख़ूबी से
जब भी मौक़ा मिले वक़्त निकालो
और बातें करो अपनों के संग
बीती बातें
करती हैं यादें ताज़ा
फिर से बिताओ उन लम्हों को
और जी लो वही पुरानी ज़िंदगी
अपने संग पल बिताना
कभी बनती है हमारी मजबूरी
ना चाहते हैं हम किसी से मिलना
और साझा करना मन की बातें
पर कोशिश ये करो तुम
जब मन की व्यथा हो दूर
बैठो एक बैठक में
और अपनों संग साझा करो मन की बातें
बहुत सुख मिलता है
जब अपनों संग बातें होती हैं
कोई पर्दा नहीं
यादों का जहन में आने और उन्हें व्यक्त करने में
है वक़्त बहुत कम
इन्हें यूँ ही ना जाने दो तुम
दिलकश बातें करो तुम
और एक ख़ुशनुमा एहसास पाओ तुम